हर एक जीव चाहता है नक मुझे सुख नमले । मुझे ऐसा आनन् द शंाानत नमले नजसमें कमी न होने पाये और वह सुख हमेशा बना रहे । जीव इसकी कायमी के नलए कई तरह के यत्न -प्रयत्न करता है लेनकन उसकी चाहना पूरी नहीं होती । इसका कारण यह है नक वह आत्म परायणता…
संगत समतावाद धर्मशाला – हरिद्वार हिमालय डिपो, गली न.1, श्रवण नाथ नगर, हरिद्वार (उत्तराखण्ड)