प्रेमियों की कलम

Samtaapaarshaktibabaji

ऐसे हैं गुरुदेव हमारे

Hindi ऐसे हैं गुरुदेव हमारे इनका मिशन पूरा हो चुका है। वाणी प्रकट हो चुकी है। जैसा कोई रोगी होगा, अपने रोग का इलाज इन ग्रन्थों में से तलाश कर लेगा।” ~श्री सतगुरुदेव महात्मा मंगतराम जी महाराज जी 5 फरवरी, 1954 को गुरुदेव का पार्थिव शरीर मर्यादा अनुकूल समता योग…

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संगत समतावाद धर्मशाला – हरिद्वार
हिमालय डिपो, गली न.1, श्रवण नाथ नगर, हरिद्वार (उत्तराखण्ड)